सरकार और गुर्जरों में वार्ता का आज चौथा दिन: 3 दिन खाली रहे हाथ, चौथे दिन सुबह से ही समझौते के प्रयास



जयपुर2 मिनट पहले

सरकार और गुर्जरों में वार्ता का आज चौथा दिन है।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और गहलोत सरकार के बीच आज बातचीत का चौथा दिन है। पिछले 4 दिन से जयपुर में पड़ाव डाले बैठे गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के हाथ लगातार तीसरे दिन भी खाली रहे। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच बुधवार को बातचीत नहीं हो सकी। आज सुबह 10 बजे सरकार ने फिर से वार्ता के लिए जयपुर में आरएसईबी गेस्ट हाउस पर गुर्जर प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है।

अब तक दोपहर या शाम का समय बातचीत के लिए रखा जा रहा था। आज सुबह से शुरु हो रही बैठक का दौर लम्बा चल सकता है। माना जा रहा है आज कोई समझौता या सहमति बन सकती है। इससे पहले सोमवार और मंगलवार को चली बैठकों में ज्यादातर मांगों पर मौखिक सहमति बनी, लेकिन लिखित में कुछ भी हाथ नहीं लगा।

बुधवार को देर शाम तक गुर्जर प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए इंतजार करता रहा।

कल इंतजार रहे गुर्जर, नहीं हो सकी बैठक

गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल को बुधवार शाम 5 बजे वार्ता का समय दिया गया था। बीती देर शाम तक आरएसईबी गेस्ट हाउस में प्रतिनिधिमंडल के सदस्य इंतजार करते रहे। लेकिन कोई मंत्री वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। काफी इंतजार के बाद मौखिल सूचना पहुंची कि वार्ता में शामिल होने वाले मंत्री अशोक चांदना,बीडी कल्ला और सीएम गहलोत बीकानेर और सरदारशहर दौरों और मीटिंग के कारण व्यस्त हैं। इसलिए बैठक गुरूवार को ही हो सकेगी। गुर्जर सदस्यों ने वापस लौटने से इनकार किया और कहा हम जयपुर में ही इंतजार करेंगे। काफी इंतजार करने के बाद सरकार के अफसरों ने गुर्जर प्रतिनिधियों को गुरुवार सुबह 10 बजे बातचीत का नोटिस थमा दिया।

भूरा भगत, उपाध्यक्ष, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति।

भूरा भगत, उपाध्यक्ष, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति।

लग रहा है परिणाम अच्छे आएंगे,भरोसे पर दुनिया कायम

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष भूरा भगत ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- मंगलवार को सरकार से बातचीत हुई थी। बुधवार शाम 5 बजे का समय दिया गया। लेकिन किन्हीं कारणों से मीटिंग स्थगित कर दी गई। गुरूवार सुबह 10 बजे मीटिंग रखी गई है। मीटिंग में बैठकर सारे इश्यूज पर चर्चा करेंगे। जो होगा आपके सामने आ जाएगा। आज जयपुर में ही रहेंगे। आज पहली बार बैठक स्थगित हुई है। सरकार और मंत्रियों के सामने कोई कारण हो सकते हैं। सही ढंग से एक्सरसाइज नहीं की होगी। हमको लग रहा है परिणाम अच्छे आएंगे और भरोसे पर दुनिया कायम है। सबका पता कल लगेगा।

मेहराराम राईका, अध्यक्ष, राईका-रैबारी समाज।

मेहराराम राईका, अध्यक्ष, राईका-रैबारी समाज।

पॉजिटिव मिले,तब पॉजिटिव लगे, लेकिन आश्वासन मिल रहे हैं

बाड़मेर से आए राईका समाज के अध्यक्ष मेहराराम राईका ने कहा-हम गुर्जर समाज के साथ ही हैं। पिछले 15-20 साल से संघर्ष कर रहे हैं। मैं और हमारा समाज हमेशा गुर्जर समाज के समर्थन में हैं। कर्नल बैंसला के साथ 15 साल तक आंदोलन में रहे। वो जो भी फैसला लेते थे हम समर्थन करते थे। क्या सरकार और प्रतिनिधिमंडल पॉजिटिव सोच के साथ कुछ फैसले पर पहुंचेंगे? इस सवाल पर मेहराराम बोले- पॉजिटिव जब मिले, तब पॉजिटिव लगे। लेकिन आश्वासन मिल रहे हैं।

जोगेंद्र सिंह अलावा, अध्यक्ष, देवनारायण बोर्ड।

जोगेंद्र सिंह अलावा, अध्यक्ष, देवनारायण बोर्ड।

लीगल राय लेकर समाधान निकालने के प्रयास

दैनिक भास्कर से बातचीत में देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह अवाना ने कहा- गुर्जर समाज की मांगों पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है। सरकार पूरी तरह पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ रही है। मंत्रियों की व्यस्तता के कारण बुधवार को बैठक नहीं हो सकी। गुरूवार को सुबह 10 बजे फिर बैठक रखी गई है। ज्यादातर मांगों पर सहमति बन चुकी है। एक पॉइंट पर लीगल राय लेकर उसका समाधान निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस पॉइंट पर अटका पेंच ?

पुष्ट सूत्रों के मुताबिक गुर्जर प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच जिस मुद्दे पर पेंच फंसा है। वह REET लेवल-1 परीक्षा 2021 के MBC में आने वाले 233 एप्लीकेंट्स को OBC में मानते हुए पोस्टिंग देने के इंस्ट्रक्शंस जारी करने के बावजूद नौकरी नहीं देने का है। एक पत्र प्रतिनिधिमंडल ने अंग्रेजी में लिखकर सरकार को दिया है। जिसे फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से उजागर नहीं किया जा रहा है। यह मैटर मुख्यमंत्री ऑफिस लेवल पर उठाया जा चुका है। आरोप हैं कि सरकार के आदेश और अमेंडमेंट नोटिफिकेशन के खिलाफ जाकर यह एक्शन लिया गया है। MBC कैंडिडेट्स को OBC सीट्स के अगेंस्ट मेरिट के आधार पर कंसीडर करने की मांग है। जोधपुर हाईकोर्ट में रिट संख्या-CW-12444/ 2019 में सेम प्रोसेस AAG की ओर से रखने की बात कही गई है।

प्रक्रियाधीन,पेंडिंग और बैकलॉग भर्ती के मामले पर सहमति अब तक नहीं बन सकी है। गुर्जर प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा है कि पेंडिंग और प्रक्रियाधीन भर्ती को लेकर अब तक सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। कोई एक्शन नहीं लिया गया। ना ही ऐसी भर्तियों की डिटेल दी गई है। चुनाव घोषणा पत्र और पिछले समझौते के मुताबिक सरकार को MBC भर्तियों के लिए बैकलॉग देना था।

सरकार इस पूरे मामले पर लीगल राय ले रही है। लीगली और संविधानिक तौर पर किस तरह इसे अमलीजामा पहनाया जाए। जिससे अन्य वर्गों का हित प्रभावित नहीं हो या टकराव की स्थिति पैदा नहीं हो, इस पर सरकार परामर्श कर रही है।

तीन दिन में अब तक बैठकों का नतीजा नहीं निकल सका है। आज सॉल्यूशन निकालने के लिए फिर से बातचीत शुरू होगी।

तीन दिन में अब तक बैठकों का नतीजा नहीं निकल सका है। आज सॉल्यूशन निकालने के लिए फिर से बातचीत शुरू होगी।

किन मांगों पर अब तक सहमति ?

2019 और 2020 की ज्यादा मांगों पर सहमति के अलावा देवनारायण गुरूकुल योजना को फंक्शनिंग में लाने, योजना की अनियमितताएं दूर करने, स्टूडेंट्स को सुविधाएं उपलब्ध कराने, जिन स्कूलों में देवनारायण योजना के तहत बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं, उन स्कूलों को भी योजना के तहत भुगतान होने, देवनारायण योजना की 2019-2020, 2020-2021 और 2021-2022 की 13548 स्कॉलरशिप पेंडिंग होने, देवनारायण रेसीजेंशियल स्कूलों में महिला वार्डन की कमी, स्कूलों में यूनिफॉर्म, बैग, जूते केवल शुरुआती 3 महीने के लिए बच्चों को देने और बाद में पैरेंट्स के अकाउंट पर सीधा उसका भार डालने की समस्याओं पर समाधान निकालने पर सहमति बन गई है।

अब तक कहां तक पहुंची बातचीत ?

गुर्जर प्रतिनिधि मंडल और सरकार के बीच सोमवार को दो घंटे और मंगलवार को करीब 7 घंटे बातचीत हुई। तीसरे दिन बुधवार को बातचीत नहीं हो सकी। अब तक सभी मांगों पर सहमति नहीं बन सकी है। तीन दिन में वार्ता अधूरी ही रही है।

मांगें नहीं मानी तो राहुल गांधी का विरोध जारी रहेगा

गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा-राहुल गांधी का विरोध अभी भी जारी रहेगा। जब तक हमें लिखित में कोई सहमति नहीं मिल जाती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन मांगें मान ली जाती हैं तो हम क्यों विरोध करेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि मंगलवार को हुई बातचीत में पॉजिटिव रेस्पांस रहा है। लेकिन सहमति नहीं बन पाई है । अगर सरकार मांगें मान लेगी तो हमें खुशी होगी। हम आमेर से हाथी बुलाकर सरकार को उस पर बैठाएंगे।

2019 और 2020 का समझौता लागू करने की हैं मुख्य मांग

गुर्जर नेता साल 2019 और 2020 में हुए समझौते के बिंदू लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसमें भर्तियों में एमबीसी आरक्षण के लंबित केस, पुरानी भर्तियों में आरक्षण का फायदा दिलाने, बैकलॉग पोस्ट में आरक्षण देकर गुर्जर समाज के युवाओं की भर्ती करने, शैडो पोस्ट क्रिएट करने, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, एससी-एसटी की तर्ज पर एमबीसी के स्टूडेंट्स को मेडिकल में फीस में छूट देने, देवनारायण योजना जैसे मुद्दे शामिल हैं।

बैठक में विजय बैंसला समेत करीब 20 गुर्जर प्रतिनिधि शामिल होंगे। सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव, खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना, देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना और ब्यूरोक्रेट्स शामिल होंगे।

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