नागौर2 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
अधिकारी छुट्टी पर हैं इसलिए फाइल आगे नहीं बढ़ रही है। ऐसा कहकर लोगों को सरकारी महकमों से टरकाने वाले एवं बार-बार परेशान करने वाले कर्मचारियों के जुमले अब राजस्थान में चलने वाले नहीं है। प्रदेश में अब सरकारी विभाग की प्रत्येक फाइल की रियल ट्रेकिंग तो होगी ही। साथ में सभी विभागों में ई-फाइल सिस्टम भी लागू हो गया है। इससे लोगों को अब अपनी फाइल के बारे में पल-पल की जानकारी रहेगी।
साथ ही यह भी पता रहेगा कि उसकी फाइल किस अधिकारी के पास कितने समय तक रही और क्यों रही। यह नया सिस्टम प्रदेश के सभी सरकारी महकमों के अलावा आयुक्तालयों, निदेशालयों में नई साल 2023 से मिशन मोड पर शुरू हुआ है। जनवरी के महीने के अंत मतलब 30 जनवरी तक यह ई-फाईल मॉड्यूल पूरी तरह लागू हो जाएगा। हालांकि शासन सचिवालय के सभी विभागों में तो यह सिस्टम नए साल से शुरू हो गया है। इससे राजकार्य में पारदर्शिता आएगी।
पुरानी पत्रावलियां भी ई-फाइल पर लाई जाएंगी
इस नए सिस्टम में नवीन पत्रावलियां तो ई-माड्यूल पर मौजूद रहेंगी ही। साथ में पुरानी पत्रावलियां भी ई-फाइल पर प्राथमिकता से लाई जाएंगी। इसके लिए सभी विभाग अपने अधीनस्थ आयुक्तालयों, निदेशालयों, विभागाध्यक्षों तथा उनके अधीनस्थ कार्यालयों में ई-फाईल सिस्टम को इस माह के अंत तक लागू करना होगा।
गोपनीयता नहीं होगी भंग
सूत्रों के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक मोड पर सम्पन्न होगी। इससे जांच संबंधी प्रकरणों की पत्रावलियां, न्यायालय, वादकरण संबंधी पत्रावलियों के अलावा अति गोपनीय पत्रावलियां व मामलों को अलग से रखा जा सकता है। भौतिक पत्रावलियां खोली जानी आवश्यक है तो शासन सचिव की पहले से सहमति के बगैर नहीं खोली जाएगी।
“पहले किसी भी पेपर पर अधिकारी के हस्ताक्षर के अलावा पद एवं नाम लिखा होता था, लेकिन अब इस व्यवस्था से अधिकारी का पद–नाम तो होगा, लेकिन हस्ताक्षर की जगह केवल राइट का निशान ही आएगा। नागौर में अब सारा कामकाज इसी व्यवस्था से किया जा रहा है, सभी कागजों पर हस्ताक्षर की जगह राइट का निशान ही लगा आता है।” –मोहन लाल खटनावलिया, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, नागौर
0 Comments