रवीन्द्र मंच पर हास्य-व्यंग्य का ताना-बाना: राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह के समापन पर जैसा तुम कहो नाटक का मंचन



जयपुरएक घंटा पहले

नाटक में पति-पत्नी की तकरार को बड़े ही हास्य अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।

यूनिव​र्सल थिएटर एकेडमी जयपुर एवं संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह का समापन शुक्रवार को रवीन्द्र मंच पर हुआ। आखिरी दिन नाटक जैसा तुम कहो का मंचन किया गया। नाटक का लेखन जयवर्धन एवं निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी केशव गुप्ता ने किया।

नाटक का लेखन जयवर्धन एवं निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी केशव गुप्ता ने किया।

नाटक बिन विचारे जो करे वो पाछे पछताय कहावत को चरितार्थ करता है। नाटक में पति-पत्नी की तकरार को बड़े ही हास्य अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। नाटक में बूढे माता-पिता को अकेला छोड़कर विदेशों में बच्चों के बसने की परम्परा के दुष्परिणामों को खोजने की कोशिश भी की गई है। नाटक की पूरी कहानी पति पत्नी के रिश्तों को लेकर बुनी गई है, जिसमें तकरार एवं एक दूसरे की भावनाओं के प्रति प्यार दोनों का समन्वय था। नाटक के किरदारों के सशक्त अभिनय ने दर्शकों को अन्त तक बांधे रखा एवं खूब ठहाके भी लगवाए। नाटक में पुरुषोत्तम राना-अर्जुन देव, लक्ष्मी-ऋचा पालीवाल, कमल सक्सेना-माधव अवतार, दीपा सक्सेना-रिया सैनी, मंगल-अमन कुमार ने अहम भूमिकाएं निभाई। नाट्य पार्श्व में वाइस ओवर-चन्द्रप्रताप सिंह, प्रकाश व्यवस्था-सावन कुमार, रूपसज्जा-असलम पठान, वस्त्र सज्जा-ओशी गुप्ता, पार्श्व संगीत-जगदीश चारण, मंच सज्जा-धर्मेन्द्र भारती, बैक स्टेज-आशा गुप्ता, प्रस्तुति प्रबन्धक-सीमा गुप्ता एवं उदघोषण केके कोहली का था।

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