भावुक पल: धर्म और संयम के मार्ग पर रावतभाटा की लाड़ली, जरा सी चुभन न हो, इसलिए पैरों तले सबने रख दी हथेलियां



रावतभाटाएक घंटा पहले

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उस समय परिजन और देखने वाले भावुक हो गए,जब दिशा ने घर की दीवार पर हाथ के छाप छोड़े और दीक्षा की तारीख 27 जनवरी लिखी। 

संयम और धर्म मार्ग पर सांसारिक वैभव छोड़कर जा रही दिशा तिल्लानी की दीक्षा से पहले रावतभाटा में अनमोल विदाई दी गई। रावतभाटा के इतिहास में पहली बार हुई किसी मुमुक्षु की विदाई में सद‌्भाव की मिसाल के साथ वरघोड़ा निकाला गया। इसमें हिंदू-मुस्लिम, जैन, अजैन-सर्व समाज सद‌्भाव की मिसाल के साथ उमड़ पड़ा।

नया बाजार से जैन धर्मशाला तक 3 किमी के वरघोड़ा को दूरी तय करने में 4 घंटे लग गए। नाचते-गाते और स्वागत में आतुर क्षेत्रवासियाें ने अभूतपूर्व सत्कार किया। सुबह 8 बजे से ही नया बाजार में तैयारी शुरू हो गई थी और 10 बजे दुल्हन की तरह सजी दिशा तिल्लानी जब घर से निकली तो दुल्हन की पग मार्ग लेकर श्रद्धा के साथ रखे गए।

बग्घी रथ पर बैठकर दिशा तिल्लानी का बैंडबाजे के साथ वरघोड़ा निकाला गया। धर्मसभा में दिशा के आने पर मौजूद लोगों ने अपने हाथों पर उसके पैर रखे। इसके बाद रावतभाटा के व्यापारी मनीष तिल्लानी-प्रिया तिल्लानी की दूसरी बेटी दिशा तिल्लानी मंगलवार शाम 5 बजे घर से विदा हुई तो सभी की आंखें नम हो गईं। उस समय परिजन और देखने वाले भावुक हो गए,जब दिशा ने घर की दीवार पर हाथ के छाप छोड़े और दीक्षा की तारीख 27 जनवरी लिखी।

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