बीकानेर23 मिनट पहले
पद्म श्री अनवर अली की प्रस्तुतियों ने पर्यटकों का मन मोह लिया।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के अंतिम दिन पद्मश्री अनवर खान ने बीकानेर में सुरों की ऐसी गंगा बहाई कि भाषा ना समझते हुए भी विदेशी पर्यटक झूम उठे। स्थानीय पर्यटकों ने इस आयोजन का सबसे ज्यादा लुत्फ उठाया। इसके साथ ही जसनाथ संप्रदाय के सिद्ध समाज के लोगों ने धधकते अंगारों पर नृत्य करके हर किसी को चकित कर दिया।
रविवार रात जसनाथ संप्रदाय के सिद्ध् समाज के युवकों ने अंगारों पर नृत्य किया।
ऊंट उत्सव के अंतिम दिन के अधिकांश आयोजन रायसर के धोरों पर हुए। रविवार रात करीब दस बजे तक यहां पर आयोजनों का सिलसिला चलता रहा। सांस्कृतिक संध्या में की शुरूआत में पद्मश्री अनवर खान ने समा बांध दिया। अनवर ने ‘धरती धोरा री’ गीत के साथ शुरूआत की तो वहां मौजूद पर्यटक झूम उठे। उन्होंने निंबूड़ा निंबूडा और यार मेरी सहित एक से एक बढ़कर एक बेहतर गीत प्रस्तुत किए। जोरदार ठंड के बावजूद देर शाम तक बड़ी संख्या में लोग यहां जमे रहे।

पद्मश्री अनवर अली के गीतों की धूम देर रात तक चली।
मशहूर लोक गायिका उषा शर्मा ने गीत प्रस्तुत किए। इससे पहले जसनाथ संप्रदाय के कतरियासर धाम के महंत मोहन नाथ सिद्ध के सान्निध्य में धधकते अंगारों पर अग्नि नृत्य किया। दीपवाली के अवसर पर बारहगुवाड़ में होने वाले बन्नाटी खेल की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई। बन्नाटी के दौरान हाथ में लकड़ी का डंडा लेकर उसके दोनों और आग के गोले रखे गए। आग के साथ डंडे को घूमाने की इस कला को ऊंट उत्सव में पहली बार देखा गया।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा, महानिरीक्षक पुलिस ओमप्रकाश, जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

बच्चों ने दिनभर रायसर के धोरों पर राइडिंग की।

इस दौरान अर्जेंटीना के एक युगल ने हिन्दू रीति से विवाह किया।
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