डूंगरपुर9 मिनट पहले
झारखंड में स्थित जैन समाज के पवित्र धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया।
झारखंड में स्थित जैन समाज के पवित्र धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में डूंगरपुर जिले के जैन समाज में आक्रोश है। सकल जैन समाज के बैनर तले सम्मेद शिखर बचाओ आंदोलन के देशव्यापी आह्वान पर रविवार को जैन समाज के सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए और धरना-प्रदर्शन किया। जैन समाज ने सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल की सूची से बाहर करने की मांग रखी है।
धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज के लोगों ने विरोध जताया।
सकल जैन समाज नवयुवक मंडल के अध्यक्ष दिलीप जैन ने बताया कि झारखंड स्थित सम्मेद शिखर 20 जैन तीर्थंकर और अनंत संतों का मोक्ष स्थल है। वहीं, सम्मेद शिखर का कण-कण जैन समाज के लिए पूजनीय है, लेकिन 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर को वन्यजीव अभयारण्य का एक भाग मानकर इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन और अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दे दी गई।
समाज 3 साल से कर रहा आंदोलन
दिलीप जैन ने बताया कि सरकार द्वारा सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने से वहां पर होटलों आदि का निर्माण होगा। पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से वहां पर मांस- मदिरा का उपयोग शुरू हो जाएगा। पर्यटक गतिविधियों से जैन समाज की आस्था के स्थल सम्मेद शिखर के अपवित्र होने की संभावना है। जैन समाज पिछले 3 साल से आंदोलन कर रहा है और केंद्र सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहा है, लेकिन आज तक जैन समाज की मांग पर सुनवाई नहीं हुई। प्रदर्शन के बाद जैन समाज के लोगों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सम्मेद शिखर पर्वत को पर्यटक स्थल की सूची से बाहर करने की मांग की है।
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