गैंगस्टर्स के लिए आरामगाह बना राजस्थान: राजस्थान में 500 गैंगस्टर्स, पाक से फंडिंग, न निगरानी न एनकाउंटर, कुल 50 गिरोह एक्टिव हुए



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जयपुर44 मिनट पहलेलेखक:  ओमप्रकाश शर्मा

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लॉरेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात गैंगस्टर्स के लिए राजस्थान आरामगाह बनता जा रहा है।

यूपी में खौफ, 5 साल में 150 एनकाउंटर, प्रदेश में 15 साल में 5, तीन में विवाद के बाद सीबीआई जांच
लॉरेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात गैंगस्टर्स के लिए राजस्थान आरामगाह बनता जा रहा है। पड़ोसी राज्यों में पुलिस अपराधियों का एनकाउंटर कर रही है, लेकिन राजस्थान में सख्त कार्रवाई न होने से 50 गिरोह के 500 से ज्यादा गैंगस्टर्स सक्रिय हो गए हैं। ये सभी मिलकर ऑपरेट कर फिरौती, खनन, हथियार व मादक पदार्थ तस्करी आदि वारदात को अंजाम दे रहे हैं। यूपी में 5 साल में ही 150 से ज्यादा बदमाशों का एनकाउंटर हो चुका है। हरियाणा व पंजाब में भी बदमाशों पर सख्त कार्रवाई होती है।

प्रदेश में पिछले 15 साल में 5 एनकाउंटर ही हुए हैं। इनमें से 3 मामलों में पुलिस को सीबीआई जांच झेलनी पड़ी। वहीं यही वजह है कि पड़ोसी राज्यों के गैंगस्टर्स भी यहां पनाह ले रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में पनाह लेने वाले पंजाब, हरियाणा और यूपी के बदमाशों के कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़े हैं। इन सभी को हवाले के जरिये डी-ग्रुप फंडिंग कर रहा है। देशभर में पाक में बैठे बदमाशों के इशारे पर ही हथियारों की सप्लाई व अन्य वारदात होती हैं। लॉरेंस गैंग और बंबीहा गैंग के बदमाशों के पाक कनेक्शन की बात सामने आई है।

इन दोनों गैंग से आनंदपाल गैंग व राजू ठेहट और शेखावाटी अंचल की गैंग के बदमाश भी जुड़े हैं। जो वारदात में सुपारी लेकर एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। मूसेवाला की हत्या के बाद एनआईए ने पहली बार सितंबर में राजस्थान में गैंगस्टरों का पाकिस्तानी कनेक्शन पता लगाने के लिए छापे मारे थे। लॉरेंस की गैंग के साथी प्रदेेश में नागौर, बीकानेर, श्रीगंगानर और हनुमानगढ़, भरतपुर में सक्रिय हैं। इन जिलों में रहने वाले बदमाश आनंदपाल, राजू ठेहट व शेखावाटी गैंग के हैं।

गैंगस्टरों पर एनआईए इसलिए एक्टिव हुई…
एनआईए के डीजी के पद पर वर्तमान में दिनकर गुप्ता तैनात हैं। गुप्ता पंजाब के डीजीपी रह चुके हैं और इससे पहले ऑर्गनाइज क्राइम कंट्रोल यूनिट के प्रमुख थे। ऐसे में पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के गैंगस्टरों की पूरी कुंडली उनके पास है।

पहले एक-दूसरे से लड़़ते थे ये गिरोह, इंटरनेट से आपस में जुड़े, अब मिलकर तस्करी और वारदात
रिटायर्ड डीजीपी कपिल गर्ग कहते हैं कि गैंगेस्टर व उनके गुर्गों का खुद के इलाकों में दूसरी गैंग से कम्पटीशन होता है। ऐसे में पड़ाेसी राज्यों के बदमाश बॉर्डर इलाकों में संचालित गैंग के सरगना का सहयोग लेते हैं। पहले बदमाशों में डर था, लेकिन इंटरनेट के बाद अब ये आपस में जुड़ गए हैं। पहले जो संघर्ष होते थे, उसकी जगह अब मिलकर तस्करी और अन्य वारदात कर रहे हैं।

  • लॉरेंस गैंग ने जाेधपुर में हत्या की। शेखावाटी व जोधपुर की गैंग का सहयोग। लॉरेंस ने भरतपुर जेल में रहते हुए भरतपुर व धौलपुर के बदमाशों कोे तैयार किया।
  • आनंदपाल गैंग को हरियाणा व पंजाब के बदमाश सहयोग कर रहे हैं। आनंदपाल को भगाने में हरियाणा के बदमाशों ने साथ दिया था।
  • नागौर में हाल में कोर्ट पेशी पर आए बदमाश को हरियाणा की गैंग ने गोली मारकर हत्या की।
  • बहरोड़ थाने में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर गैंगेस्टर पपला को छुड़ा ले गए थे। पपला राजस्थान में फरारी काटकर हरियाणा में जमीन विवादों के सेटलमेंट व फिरौती को अंजाम दे रहा था।

प्रदेश में सबसे ज्यादा यूपी-हरियाणा के गैंगस्टर सक्रिय
राजस्थान में सबसे ज्यादा गैंग हरियाणा और यूपी की सक्रिय हैं। वजह- पंजाब, हरियाणा व यूपी गैंग की गिरफ्तारी के बाद जेल में रहने के दौरान इनका राजस्थान के गैंगस्टर्स से गठजोड़ हो गया है। अब ये मिलकर वारदात करने लगे हैं। राजस्थान में अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद जब जमानत हो भी जाए तो पुलिस बाहर आने वाले गैंगस्टर व उनके गुर्गों पर निगरानी करना बंद कर देती है। ऐसे में राजस्थान में और जेल में रहकर बाहरी राज्यों के गैंगस्टर अपने गुर्गों से आसानी से फिरौती व हत्या की वारदात कर रहे हैं।

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