राजसमंद34 मिनट पहले
कैलाश खेर नाथद्वारा पहुंचे। वे शुक्रवार को विश्वास स्वरूपम में हाेने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने कहा कि राजस्थान उनके खून और दिन में बसा है। उनके हर गाने में राजस्थान की धरा दिखती है। उन्होंने कई राजस्थानी गाने भी गाए हैं। दरअसल, कैलाश खेर गुरुवार को उदयपुर पहुंचे थे। यहां से वे नाथद्वारा आए। जहां शुक्रवार को विश्वास स्वरूप परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इससे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
कैलाश खेर ने कहा- महादेव की कृपा है जो आज उनके गाने गर्भ का बालक व मृत्यु शय्या पर जाने वाला व्यक्ति भी सुनता है। पहले भजन साइड में होते थे और भीड़ भी कम होती थी। लेकिन, आज स्वरूप बदल गया है। । आज शिव भक्ति की धुनों को विदेशों में अंग्रेज भी रिमिक्स कर कार्यक्रम कर रहे हैं और वहां ओम नम: शिवाय की धुन सुनाई दे रही है। यह सब महादेव की कृपा से संभव हुआ। पिछले 15 सालों की यात्रा में यह बडा परिवर्तन उनको देखने को मिला ।
कैलाश खेर बोले: राजस्थान हौसले की धरती
कैलाश खेर ने कहा कि राजस्थान की धरा को वो बहुत प्रेम करते है उन्होंने कहा कि जब इस धरा पर पानी नही था उस समय यहां हौसला जरूर था और जहां हौसला होता है वहां पांच तत्व बहते हैं। वे बोले जयपुर सीटी पैलेस की राजमाता उनको बालक की तरह मानती है, वे उनके लिए मानस पुत्र की तरह है। मदन पालीवाल भी परिवार के सदस्य की तरह मानते है।पिछले 16 साल के इतिहास को देखे तो में कैलाश खेर मदन पालीवाल के परिवार का हिस्सा बना है। उन्होंने बताया 2012 में भी यहां कार्यक्रम किया था।
वे बोले शरीर पर टैटू के साथ महादेव की प्रेरणात्मक बातों को भी आत्मसात करना चाहिए। शिव उपासक को महादेव की प्रेरणात्मक बातों को भी अपने जीवन में उतारना चाहिए। वे बोले- महादेव ने पूरी सृष्टि को बचाने के लिए स्वयं ने विष पिया था, वेैसे ही विषमताओं ओर चुनौतियों का विष हमे भी पी लेना चाहिए। आपके अपने ही आपके सपनों को चूर चूर करेंगे। लेकिन, इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। उस कड़वाहट को पीते रहिए और मंद-मंद मुस्कराते रहिए। बातचीत के दौरान उन्होंने शिव भक्ति की धुन को भी अपने मस्त मोला अंदाज में गुनगुनाया।
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